Skip to main content

भारत में सौर ऊर्जा परिदृश्य-अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन

12 मार्च को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और फ्राँस  के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों ने उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े 75 मेगावाट (101 मेगावाट डीसी) क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया। मिर्ज़ापुर ज़िले के विजयपुर ग्राम में लगभग 528 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित इस संयंत्र से प्रतिवर्ष 13 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। इस संयंत्र की स्थापना फ्राँस  की कंपनी ENGIE ने नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की सौर पार्क योजना के अंतर्गत की है।
इससे पहले 11 मार्च को राष्ट्रपति भवन में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance-ISA) का प्रथम स्थापना दिवस सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में 23 देशों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया था, जिनमें 6 उपराष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री और 19 मंत्री शामिल थे।
क्या है सौर ऊर्जा?
  • सूर्य से प्राप्त शक्ति को सौर ऊर्जा कहते हैं। इस ऊर्जा को ऊष्मा या विद्युत में बदलकर अन्य प्रयोगों में लाया जाता है। सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को प्रयोग में लाने के लिये सोलर पैनलों की आवश्यकता होती है। सोलर पैनलों में सोलर सेल (फोटोवोल्टेइक) होते हैं, जो ऊर्जा को उपयोग करने लायक बनाते हैं
  • भारतीय भू-भाग पर पाँच हज़ार लाख किलोवाट घंटा प्रति वर्गमीटर के बराबर सौर ऊर्जा आती है। साफ धूप वाले दिनों में सौर ऊर्जा का औसत पाँच किलोवाट घंटा प्रति वर्गमीटर होता है। एक मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिये लगभग तीन हेक्टेयर समतल भूमि की ज़रूरत होती है।
  • प्रकाश विद्युत विधि में सौर ऊर्जा को विद्युत में बदलने के लिये फोटोवोल्टेइक सेलों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा सौर तापीय विधि में सूर्य की ऊर्जा से हवा या तरल पदार्थों को गर्म किया जाता है और इसका उपयोग घरेलू काम में किया जाता है।
भारत का वर्तमान ऊर्जा परिदृश्य 
  • वर्तमान में भारत की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता साढ़े तीन लाख मेगावाट से अधिक है।
  • राज्य सरकारों की उत्पादन क्षमता 80,677 मेगावाट है।
  • केंद्रीय कंपनियों का योगदान 103,058 मेगावाट है।
  • निजी क्षेत्र की कंपनियों की उत्पादन क्षमता सबसे अधिक 147,125 मेगावाट है।
  • देश के कुल विद्युत उत्पादन में थर्मल ऊर्जा की हिस्सेदारी लगभग 73 प्रतिशत (257,528 मेगावाट) है।
  • देश में जलविद्युत उत्पादन क्षमता 37,414 मेगावाट है।
  • फिलहाल 22 परमाणु ऊर्जा इकाइयों की विद्युत उत्पादन क्षमता 6780 मेगावाट है।
  • देश में 44,217 मेगावाट से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है।
आँकड़ों की नज़र में सौर ऊर्जा 
  • भारत ने लक्ष्य रखा है कि वह 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करने लगेगा, इसमें 100 गीगावाट सौर और 75 गीगावाट पवन ऊर्जा होगी।
  • विगत तीन साल (2014-17) में भारत में सौर ऊर्जा का उत्पादन अपनी स्थापित क्षमता से चार गुना बढ़ कर 10 हज़ार मेगावाट के आँकड़े को पार कर गया है।
  • सौर ऊर्जा उत्पादन में सर्वाधिक योगदान रूफटॉप सौर उर्जा (40 प्रतिशत) और सोलर पार्क (40 प्रतिशत) का है।
  • यह देश में बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता का 16 प्रतिशत है। सरकार का लक्ष्य इसे बढ़ाकर स्थापित क्षमता का 60 प्रतिशत करना है।
  • 2 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन से प्रतिवर्ष कार्बन उत्सर्जन की मात्रा में 20 मिलियन टन की कमी आएगी तथा 3.6 मिलियन टन प्राकृतिक गैस की बचत होगी।
  • अगले तीन साल में देश में सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाकर 20 हज़ार मेगावाट करने का लक्ष्य है।
  • वर्ष 2035 तक देश में सौर ऊर्जा की मांग सात गुना तक बढ़ने की संभावना है।
  • सौर ऊर्जा की लागत में लगातार आ रही कमी की वज़ह से अब यह ताप बिजली से मुकाबले की स्थिति में है।
  • यदि भारत में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाया जा सकेगा तो इससे जीडीपी दर भी बढ़ेगी और भारत सुपरपावर बनने की राह पर भी आगे बढ़ सकेगा।
  • वर्ष 2040 तक भारत आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ सकता है। भविष्य की इस मांग को सौर ऊर्जा से पूरा करने की दिशा में ठोस प्रयास होने चाहिये।
दिल्ली सौर एजेंडा
  • अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के प्रथम स्थापना दिवस सम्मेलन की अध्यक्षता संयुक्त रूप से भारत और फ्राँस ने की थी तथा इसके समापन पर सदस्य देशों ने दिल्ली सौर एजेंडा पेश किया।
  • दिल्ली सौर एजेंडा में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिये सभी देश अपने राष्ट्रीय ऊर्जा मिश्रण में अंतिम ऊर्जा खपत के रूप में सौर ऊर्जा के हिस्से को बढ़ाने का प्रयास करेंगे।
  • इसमें ISA ने निरंतर विकास के लिये संयुक्त राष्ट्र एजेंडा-2030 की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया, जिसमें सभी रूपों और आयामों में गरीबी उन्मूलन, दुनिया को बदलने के लिये प्रौद्योगिकी का विकास, एक सुदृढ़ और पारदर्शी अंतरराष्ट्रीय वित्तीयन व्यवस्था, संयुक्त शोध एवं विकास आदि शामिल हैं।
10-सूत्रीय कार्रवाई योजना
इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने 10-सूत्रीय र्कारवाई योजना भी पेश की जो इस गठबंधन की आवश्यकता को रेखांकित करती है। इस कार्रवाई योजना में सभी राष्ट्रों को सस्ती सौर प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराना, ऊर्जा मिश्रण में फोटोवोल्टेइक सेल से उत्पादित बिजली का हिस्सा बढ़ाना, विनियमन और मानक निर्धारित करना, बैंक ऋण योग्य सौर परियोजनाओं के लिये मार्गदर्शन प्रदान करना और विशिष्टता केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करना प्रमुख है।
क्या है ISA?
  • यह गठबंधन सौर ऊर्जा संपन्न देशों का एक संधि आधारित अंतर-सरकारी संगठन (Treaty-based International Intergovernmental Organization) है।
  • ISA की स्थापना की पहल भारत ने की थी और पेरिस में 30 नवम्बर, 2015 को संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के दौरान CoP-21 से पृथक भारत और फ्राँस ने इसकी संयुक्त शुरुआत की थी।
  • कर्क और मकर रेखा के मध्य आंशिक या पूर्ण रूप से अवस्थित 121 सौर संसाधन संपन्न देशों के इस गठबंधन का मुख्यालय गुरुग्राम (हरियाणा) में है।
  • ISA से जुड़े 61 देश गठबंधन में शामिल हो गए हैं, जबकि 32 देशों ने फ्रेमवर्क समझौते की पुष्टि कर दी है।
  • पिछले माह नई दिल्ली में हुई ISA आईएसए की अंतरराष्ट्रीय संचालन समिति की पाँचवीं बैठक में 121 ऐसे संभावित सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था।
उद्देश्य 
  • ISA फ्रेमवर्क में वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा क्षमता और उन्नत व स्वच्छ जैव-ईंधन प्रौद्योगिकी सहित स्वच्छ ऊर्जा के लिये शोध और प्रौद्योगिकी तक पहुँच बनाने हेतु अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने तथा ऊर्जा अवसंरचना एवं स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी में निवेश को बढ़ावा देने का लक्ष्य तय किया गया है।
  • ISA का मूल उद्देश्य सभी के लिये किफायती, विश्वसनीय, सतत् और आधुनिक ऊर्जा की पहुँच सुनिश्चित करना है।
  • ISA के प्रमुख उद्देश्यों में 1000 गीगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन की वैश्विक क्षमता प्राप्त करना है।
  • वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा में निवेश के लिये लगभग 1000 बिलियन डॉलर की राशि जुटाना भी इसके उद्देश्यों में शामिल है।
  • सामूहिक रूप से क्षमता निर्माण तथा अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देकर मौजूदा सौर प्रौद्योगिकियों का बड़े पैमाने पर उपयोग करने में आसानी रहेगी।
भारत का सौर ऊर्जा परिदृश्य
  • भारत ने विश्‍व में सबसे बड़ा नवीकरणीय क्षमता विस्‍तार कार्यक्रम आरंभ किया है। सरकार का लक्ष्‍य नवीकरणीय ऊर्जा पर भरपूर ज़ोर देकर स्‍वच्‍छ ऊर्जा के हिस्‍से में बढ़ोतरी करना है।
  • भारत में नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा के विकास तथा उपयोग के मुख्‍य वाहक ऊर्जा सुरक्षा, बिजली की कमी, ऊर्जा पहुँच, वित्तीय प्रोत्‍साहनों जैसे विभिन्‍न माध्यमों  के जरिए नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रही है।
राष्‍ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन 
इसका उद्देश्‍य जीवाश्म आधारित ऊर्जा विकल्‍पों के साथ सौर ऊर्जा को प्रतिस्पर्धी बनाने के अंतिम उद्देश्‍य सहित बिजली सृजन एवं अन्‍य उपयोगों के लिये सौर ऊर्जा के विकास एवं उपयोग को बढ़ावा देना है। इसका लक्ष्‍य दीर्घकालिक नीति, बड़े स्‍तर पर परिनियोजन लक्ष्‍यों, महत्त्वाकांक्षी अनुसंधान एवं विकास तथा महत्त्वपूर्ण कच्‍चे माल, अवयवों तथा उत्‍पादों के घरेलू उत्‍पादन के माध्‍यम से देश में सौर ऊर्जा सृजन की लागत को कम करना है।
सौर ऊर्जा के लिये PRAYAS 
भारत सरकार ने देश की फोटोवोल्टिक क्षमता को बढ़ाने के लिये सोलर पैनल निर्माण उद्योग को 210 अरब रुपए की सरकारी सहायता देने की योजना बनाई है। PRAYAS-Pradhan Mantri Yojana for Augmenting Solar Manufacturing नामक इस योजना के तहत सरकार ने वर्ष 2030 तक कुल ऊर्जा का 40 प्रतिशत हरित ऊर्जा से उत्पन्न करने का लक्ष्य रखा है।
कार्यक्रम तथा योजनाएं 
वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्‍य को हासिल करने के लिये पिछले दो वर्षों के दौरान सोलर पार्क, सोलर रूफटॉप योजना, सौर रक्षा योजना, नहर के बांधों तथा नहरों के ऊपर सीपीयू सोलर पीवी पॉवर प्‍लांट के लिये सौर योजना, सोलर पंप आदि के क्रियान्‍वयन के लिये कई कार्यक्रम/ योजनाएँ आरंभ की गई हैं।
सौर ऊर्जा की राह में प्रमुख मुश्किलें
  • ज़मीन की उपलब्धता में कमी
  • कुशल मानव संसाधनों का अभाव
  • चीन से आयातित फोटोवोल्टेइक सेलों की कीमत कम तो क्वालिटी भी कामचलाऊ
  • भारत में बने सोलर सेल (फोटोवोल्टेइक सेल) भी अन्य आयातित सोलर सेलों के मुकाबले कम सक्षम
  • अन्य उपकरणों के दाम भी बहुत अधिक
  • विभिन्न नीतियाँ और नियम बनाने के बावजूद सोलर पैनल लगाने के खर्च में कमी नहीं
  • गर्म और शुष्क क्षेत्रों के लिये गुणवत्तापूर्ण सौर पैनल बनाने की नीतियों का अभाव
  • औसत लागत प्रति किलोवाट एक लाख रुपए से अधिक
  • ब्रांड के लिहाज़ से कीमतें कम-अधिक
  • बैटरी बदलने में होता है भारी खर्च
  • प्रति किलोवाट सौर ऊर्जा की लागत औसतन 4.50-4.70 रुपए प्रति यूनिट है, जो थर्मल उत्पादित बिजली से अधिक है
  • आवासीय घरों में छतों पर सोलर पैनल लगाने पर आने वाला भारी खर्च सौर ऊर्जा परियोजनाओं की राह में बड़ी बाधा
  • छोटी और मध्यम स्तर की परियोजनाओं के लिये पर्याप्त वित्तीय संसाधनों का अभाव
  • सौर ऊर्जा के बेहतर भण्डारण के लिये प्रौद्योगिकी विस्तार और उपयोग
  • सौर ऊर्जा को पावर ग्रिड तक पहुँचाने के लिये ट्रांसमिशन लाइनों की कमी
वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्‍य को हासिल करने के लिये विभिन्‍न योजनाओं को वित्‍तीय समर्थन उपलब्‍ध कराने के अतिरिक्‍त कई नीतिगत उपाय आरंभ किये जा रहे हैं तथा विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। इनमें प्रमुख हैं-
  • खरीद बाध्‍यता के मज़बूत क्रियान्‍वयन और नवीकरणीय सृजन बाध्‍यता के लिये बिजली अधिनियम एवं टैरिफ नीति में अनुकूल संशोधन करना।
  • हरित ऊर्जा गलियारा परियोजना के माध्‍यम से बिजली पारेषण नेटवर्क का विकास।
  • टैरिफ आधारित प्रतिस्‍पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्‍यम से सौर ऊर्जा की खरीद के लिये दिशा-निर्देश।
  • रूफटॉप परियोजनाओं के लिये बड़े सरकारी परिसरों/भवनों की पहचान करना।
  • स्‍मार्ट सिटी के विकास के लिये दिशा-निर्देशों के तहत रूफटॉप सोलर एवं 10 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा के प्रावधान को अनिवार्य बनाना। हेतु लिये भवन उपनियमों में संशोधन।
  • सौर परियोजनाओं के लिये अवसंरचना दर्जा, करमुक्‍त सोलर बांड जारी करना तथा दीर्घकालिक ऋण उपलब्‍ध कराना।
  • बैंकों इत्यादि द्वारा गृह ऋण के हिस्‍से के रूप में रूफटॉप सोलर का निर्माण।
  • वितरण कंपनियों को प्रोत्‍साहित करने तथा नेट-मीटरिंग को अनिवार्य बनाने के लिये समेकित बिजली विकास योजना में उपायों को शामिल करना।
  • इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिये हरित जलवायु निधि के रूप में भी द्विपक्षीय एवं अंतरराष्‍ट्रीय दानकर्त्ताओं से फंड जुटाना।
सौर कृषि की दिशा में पहल 
  • कृषि कार्यों में भी सौर ऊर्जा के इस्तेमाल में बढ़ोतरी हो रही है जो भारत में परंपरागत तौर पर भारी मात्रा में बिजली की खपत की एक बड़ी वजह है।
  • सौर खेती में कृषि उपकरणों के लिये सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाता है। यह सरल, कम लागत वाले, विश्वसनीय और लंबे समय तक इस्तेमाल किये जाने लायक होते हैं।
  • अधिकांश कृषि उपकरण, जैसे-ट्रैक्टर, सिंचाई प्रणाली, रोटेटर, रोलर, प्लांटर, स्प्रेयर, ब्रॉडकास्ट सीडर आदि बैटरी या पेट्रोलियम ईंधन पर काम करते हैं।
  • सौर खेती में बैटरी ऊर्जा को सौर ऊर्जा से स्थांनांतरित कर दिया जाता है ताकि ग्रिड पावर और पारंपरिक स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा के उपयोग को कम किया जा सके।
  • सौर खेती न केवल पर्यापरण अनुकूल है बल्कि यह विश्वसनीय और लागत प्रभावी भी है।
  • इसमें काम आने वाले उपकरणों की बनावट की वज़ह से रखरखाव का खर्च भी कम है।
  • भारत सरकार भी सौर ऊर्जा से चलने वाले कृषि उपकरणों पर सब्सिडी देकर और इसके लिये किसानों को ऋण उपलब्ध कराकर प्रोत्साहित करती है।
  • कृषि विशेषज्ञ भी किसानों को सौर ऊर्जा के बारे में निर्देश देकर उन्हें प्रोत्साहित करते हैं।
निष्कर्ष: भारत में विगत एक दशक के दौरान बढ़ती आबादी, आधुनिक सेवाओं तक पहुँच, विद्युतीकरण की दर तेज होने और जीडीपी में वृद्धि की वजह से ऊर्जा की मांग तेज़ी से बढ़ी है और माना जाता है कि इसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के बजाय सौर ऊर्जा के ज़रिये आसानी से पूरा किया जा सकता है। लेकिन देश में 30 करोड़ लोगों तक अभी भी बिजली नहीं पहुँची है। देश की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिये न केवल बुनियादी ढाँचा मज़बूत करने की ज़रूरत है, बल्कि ऊर्जा के नए स्रोत तलाशना भी ज़रूरी है। ऐसे में, सौर ऊर्जा क्षेत्र भारत के ऊर्जा उत्पादन और मांगों के बीच की बढ़ती खाई को बहुत हद तक पाट सकता है। वर्षभर में भारत में औसतन 300 दिन सूर्य चमकता है और इस कारण यहाँ सौर ऊर्जा दोहन की प्रबल संभावनाएँ हैं। भारत की ऊर्जा ज़रूरतें बहुत विशाल हैं और उनमें सौर ऊर्जा जैसी नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बेहद कम है। लेकिन सरकार ने सौर ऊर्जा उत्पादन के लिये बेहद महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है और उसे पाने की दिशा में प्रयास भी किये जा रहे हैं। वर्तमान में नवीकरणीय ऊर्जा परंपरागत ईंधन आधारित सृजन की तुलना में लगातार लागत प्रतिस्‍पर्धी बनती जा रही है, अर्थात् इसकी कीमतें लगातार कम हो रही हैं। सौर ऊर्जा स्वच्छ अक्षय ऊर्जा है, इसका अधिकतम दोहन देश के ऊर्जा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने का काम करेगा और इसका लाभ देश की प्रगति में अनेक क्षेत्रों में उपलब्ध होगा।


Comments

  1. solar led street light is the usefull.it is save the electrical energy.
    ..........................................................
    SOLAR LIGHT

    ReplyDelete
  2. Jumbo Casino | Free slots, no deposit bonus, no - KT Hub
    Welcome to 순천 출장샵 Jumbo Casino! Enjoy the finest of the free games, with 동두천 출장샵 every click, no deposit and bonus code! 속초 출장마사지 Read our 강원도 출장안마 review to learn about 서귀포 출장마사지 the slots

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

Even Top Oil Producers Countries are Going Solar

The nation who have massive oil reserves are turning to wind and solar to generate power at home and help extend the life of its crucial crude reservoir. Saudi Arabia plans to develop almost 10 gigawatts of renewable energy by 2023, starting with wind and solar plants in its vast northwestern desert. The effort could replace the equivalent of 80,000 barrels of oil a day now burned for power. Add in natural gas projects set to start later this decade, and the Saudis could quadruple that number, according to consultant Wood MacKenzie Ltd. That could supplant all the crude burned in the kingdom during its winter months. “Renewable energy is not a luxury anymore. If domestic use continues like this, eventually the Saudis won’t have spare oil to export,’’ said Mario Maratheftis, chief economist at Standard Chartered Plc. Energy Minister Khalid Al-Falih said that Saudi Arabia is seeking $30 billion to $50 billion worth of investment in renewables. The ministry will set up a division ...

solar power plant in lucknow

We Ledtropower Lucknow, introduce ourselves as a supplier and instigator for Solar Grid Connected Rooftop, Small Solar power plant for industrial and domestic application with high efficiency and better performance. We are providing service for the Industrial application, residence, Hospital, School Hotel etc. ➢ On-Grid Solar power plant in lucknow ➢ Off-Grid solar power plant in lucknow ➢ Hybrid solar power plant in lucknow Additional Services:  E.P.C. Solution  Power Plant AMC  Consultancy  Installation ,Testing & Commissioning  Repairing & Maintenance  AC & DC Side installation work for mw solar power project  Repairing work up to the component level of equipment in solar and electrical Team      Our Services       Products       Solar Training        Project Completed         Contact Ledtropower